
आज अपनी बात एक छोटी सी कहानी से शुरू करती हूँ एक 20 वर्ष का युवक पिताजी के साथ रेलगाड़ी मे सफर कर रहा था । जब रास्ते मे पहाड़, नदी, हरे वन, लहलहराती फसलें आदि देखता तो पिता को कहता देखो कितना सुंदर दृश्य है। पिता उसके बारे मे बताते, वह ताली बजा कर खुश होता। साथ मे बैठे सहयात्रियों ने उस पिता से कहा शोर बन्द करें। उस पिता ने कहा इसे कैसे मना करुं। यह अन्धा था दो दिन पूर्व ही इसे नेत्र मिले हैं तो इसे असीम प्रसन्नता हो रही है। यह सुनकर सहयात्रियों...